अगर आपको नहीं पता तो जान लीजिये कि आप इंटरनेट बिना आई0पी0 एड्रेस के नहीं चला सकते हैं, इंटरनेट चलाने के लिये हर कम्प्यूटर का अपना एक अलग आई0पी0एड्रेस होता है यह एक प्रकार का ऑनलाइन फिंगरप्रिंट है, जिसकी मदद से ही आपके कम्प्यूटर की लोकेशन आदि का पता चलता है। - किसी भी साइट को जब ब्लॉक किया जाता है तो वह केवल उस संस्था या कम्प्यूटर के आई0पी0 एड्रेस पर ही ब्लॉक की जाती है। लेकिन अगर आप वेब प्रॉक्सी सर्वर का यूज करें तो आप किसी भी ब्लॉक वेबसाइट्स को आसानी से चला सकते हैं। - असल में वेब प्रॉक्सी सर्वर आपके और इंटरनेट के बीच एक बिचौलिया या प्रतिनिधि का काम करता है,
जब आप किसी ब्लॉक बेवसाइट को वेब प्रॉक्सी सर्वर के जरिये खोलते हैं तो इंटरनेट पर आपका आई0पी0 एड्रेस छुपा दिया जाता है और कोई एक ऐसा आई0पी0 दर्शा दिया जाता है जिस पर वह साइट ब्लॉक न हो। इस तरह से आपके और आपके इंटरनेट सर्वर के बीच वेब प्रॉक्सी सर्वर एक बाईपास कनेक्शन तैयार कर देता है। जिससे आप ब्लॉक वेबसाइट्स खोल पाते हैं। जब आप ऐसा करते हैं तो आप इंटरनेट पर गुमनाम रहते हैं प्रॉक्सी सर्वर आपकी असली पहचान को छिपा देता है। उदाहरण के लिये अगर आप किसी ब्लॉक वेबसाइट्स को खोलना चाहते हैं तो free-proxyserver.com पर जाईये और साइट का यू0आर0एल टाइप कीजिये और Go पर क्लिक कीजिये। बेवसाइट खुल जायेगी।
What is Web Proxy know in Hindi ( क्या हैं वेब प्रोक्सी हिंदी में जाने )
Published: 22 जून 2018,
Updated:
Nice information Thank you Sir.
जवाब देंहटाएं